बापू होना आसान तो नहीं,
बापू होना आसान तो नहीं,
बापू होना आसान तो नहीं,
सत्य-अहिंसा के पथ पर चला जो,
कर्मठ, विवेकवान था
रघुपति-राघव,वैष्णव भजन गाने वाला,
उसका मानवता धर्म महान था,
देश के लिए मर मिटने वाला,
वो पुरुष कोई आम तो नहीं,
बापू होना आसान तो नहीं।
जब सबके रक्त में उबाल हो,
आर और पार का जब सवाल हो,
अस्त्र-शस्त्र का खेल बेमिसाल हो,
तब धैर्यवान बन अपनी माँगे मनमाना,
इतना सहज काम तो नहीं,
बापू होना आसान तो नहीं।
जो आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाए,
बच्चों को नैतिकता सिखाने से पूर्व,
खुद साक्षात उदाहरण बन जाए,
लघु कुटिर उद्योग सीखे सिखलाये,
भौतिकता से खुद को दूर रखे जो,
जीवनपथ पर इस वृद्ध-युवा को भी,
रहा कभी आराम तो नहीं,
बापू होना आसान तो नहीं।
