उदासी
उदासी
उदास मन हो तो जहाँ वीरान लगता है,
हर कोई जाना-पहचाना भी अनजान लगता है,
मन से भाव गंभीर कुछ इस तरह जुड़ चुके हैं,
अपने ही दर्द को सहलाना
सबके घावों पर मरहम के समान लगता है।।
उदास मन हो तो जहाँ वीरान लगता है,
हर कोई जाना-पहचाना भी अनजान लगता है,
मन से भाव गंभीर कुछ इस तरह जुड़ चुके हैं,
अपने ही दर्द को सहलाना
सबके घावों पर मरहम के समान लगता है।।