नज़रबट्टू
नज़रबट्टू
तुम्हारे इर्द-गिर्द
ये जो महीन सी
बुलेटप्रूफ़ दीवार है
इसे कायम रखना ऐसे ही
ढहने मत देना..
सच में बड़ी कमाल की है
इतनी साफ़ है
कि तुम देख पाते हो हर एक सच
और पकड़ पाते हो हर झूठ
चाहे कितने नकाबों में छुपा हो
तुम पहचान ही लेते हो
उसके पीछे छुपा चेहरा
इसे कायम रखना ऐसे ही
ढहने मत देना..
इतनी झीनी है ये दीवार
की अक्सर लोग
महसूस ही नहीं कर पाते इसे
और पहुंचा देते हैं
अपने कुछ जज़्बात तुम तक
मगर ये इल्म, भरम है उनका
तुम्हारे चारों और ये दीवार
वही पहुँचाती है तुम तक
जो तुम्हारे लिए ठीक है
इसे कायम रखना ऐसे ही
ढहने मत देना..
और एक और बात
तुम्हारा दिल बहुत पाक है
और तुम्हारे ख़याल
पानी की तरह
पावन और स्वछंद
ये दीवार ही है
जो हिफाज़त करती है
तुम्हारी पाकीज़गी की
नापाक नहीं होने देती
तुम्हारी रूह को
इसे कायम रखना ऐसे ही
ढहने मत देना..
कई गुमराह ख़याल
मंडराते तो हैं तुम्हारे इर्द-गिर्द
मगर छू नहीं पाते तुम्हें
कई मैले-कुचले पैर
कदम नहीं रख पाते
तुम्हारी दहलीज पर
क्योंकि इस दीवार पर
लगा है एक नज़रबट्टू
इसे कायम रखना ऐसे ही
ढहने मत देना..