आधा सा टूटा हूं।
आधा सा टूटा हूं।
आधा सा टूटा हूं
टुकड़ों में बिखरा हूं
दो पल की जिंदगी में
आधा सा टूटा हूं
महफिलों में मशहूर था तब
मैं फिलहाल गुमनाम हूं
आबाद था कुछ वक्त पहले
अब तो सिर्फ बरबाद हूं
दो पल की जिंदगी में
आधा सा टूटा हूं
जिंदगी तू भी कितनी उलझी है
किस्मत उसकी जिसे तू सुलझी है
शिकायत नहीं कोई तुझसे
शायद मैं ही कमजोर हूं
दो पल की जिंदगी में
आधा सा टूटा हूं
इस टूटे हाल को
कुछ करना होगा
जिंदगी है साहब
थक कर भी चलना होगा
जिंदगी मैं वापस लौटूंगा
क्या हुआ अगर आधा सा टूटा हूं
ए जिंदगी पुछ मेरे रास्तों को
एक बार क्या सौ बार गिरकर उठा हूं...