कौन जाने नहीं है तेरी यह आख़िरी मँजिल। कौन जाने नहीं है तेरी यह आख़िरी मँजिल।
जाने कहाँ चला गया वो बस यादों में सताता है। जाने कहाँ चला गया वो बस यादों में सताता है।
तेरे आंगन की फूलवारी हूँ मैं, तेरे बच्चों की महतारी हूँ मैं। तेरे आंगन की फूलवारी हूँ मैं, तेरे बच्चों की महतारी हूँ मैं।
मुझमें तेरा अक्स, तुझसे भी ज्यादा है। मुझमें तेरा अक्स, तुझसे भी ज्यादा है।
पुष्प फिर से पल्लवित हो रहा है भरी धूप में बारिश सी हो रही है पुष्प फिर से पल्लवित हो रहा है भरी धूप में बारिश सी हो रही है
और वो दिल भी, जिसने बस यूं ही मुझे झटक दिया। और वो दिल भी, जिसने बस यूं ही मुझे झटक दिया।