"अनन्त" जो रफ्तार जगत की "अनन्त" जो रफ्तार जगत की
दिया जलाने दो अँधेरा नही रहेगा। दिया जलाने दो अँधेरा नही रहेगा।
बनता हर सफर फूलो सा भी कुछ सुगंध बिखेरती वायु सा भी बनता हर सफर फूलो सा भी कुछ सुगंध बिखेरती वायु सा भी