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akshayakumar Dash

Abstract

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akshayakumar Dash

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दीपक

दीपक

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दिया जलाने दो

अँधेरा नही रहेगा

दिन मे जैसे दिवाकर

अपनी रोशन से 

चा रुतर्फ उजियाले 

यहाँ जहाँ दिन

अपनेको चंचल 

रखने प्रेरणा मिली

जागृत रहना

किसान खेत मे

बिद्यार्थी स्कूल मे

डॉक्टर या ऑफिसर

सभी बर्ग के

पशु और पंछी

अपना काम किया है ।

रातको दिया जले

घर के बाहर का

थोड़ा उजियाला

रोशनी में,

जीवन और दीपक

दोनो बराबर रहे ।


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