भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
हिंदुस्तान में आचार है क्या
जब जरूरत पड़ता
तब इन्सान फायदा लेता
दप्तर, कोट, विद्यालय,
जहां चाहे घोस देना तो
हो जाएगा काम
कोई इलेक्ट्रो मिटर पर चुंबक
खिचे तार,
बिल कम होजाए
रेल में रिजर्व सीट मिल्न
टीटी को देनापडा घोस
मन्दिर में पंड। या दप्तर
कुछ इनाम देकर काम हो जाएं तो
कोने कोने में घर या बाहर
हर व्यक्ति बोलते रहे
हर इंसान जुड़ते रहे
कोई मसक मारे त कोई नर हत्या
लेकिन सोर मचा भ्रष्टाचार।
