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Uddipta Chaudhury

Tragedy

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Uddipta Chaudhury

Tragedy

ए बेवफा

ए बेवफा

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जिंदेगी के अफसाने बेवफाई से जुड़ी हर दस्ताने मुहब्बत ,

खाली तिजोरी में यादगार लंबे ढेर सारे,किसी की पलके बिछाने की देर है,


अनदेखी तस्बीरो से निकलता धुत,तेरी लिखी गई हर बातो पर सवालों पर सवाल,

जुबां से निकली वो आखरी शाम,बेदर्दी बालमा और कुछ भारी भरकम बेबुनियाद अल्फाज़ ।

शब्द आज तीर जेसे लगने लगा, छलनी कर रही है इस दिल को।


जीना हो गया है कठिन फिर भी अंत तक वक्त का इंतजार,

बदलने लगे हैं ए खेल सारे,फर्क नहीं पड़ता अब कौन जीता कौन हारा,

रिश्ते की चाहत भरी निगरानी से आज में आजाद,अब आप ही कहो हमे जश्न माननी चाहिए या फिर मातम।


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