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Nirupama Giri

Romance Tragedy

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Nirupama Giri

Romance Tragedy

पता ना चला

पता ना चला

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अनजाना सा रिश्ता...

कब अपना बन गया,

पता ही नहीं चला|

कब वह इतने ख़ास हो गए...

मालूम ही नहीं हुआ।

सोचा तो बहुत कुछ था,

मगर किस्मत को शायद .....

कुछ और ही मंजूर था।

भले ही वह मेरे ना हो सके,

मगर जिसके हाथ थामेंगे....

वह खुशनसीब तो जरूर होगा।

बस दुआ है मेरे रब से.....

खुशियाँ से भरी जिंदगी हो उनकी,

कोई गम ना कभी करीब आये।

भले ही हम,

मिले ना मिले ज़िन्दगी में कभी...

यादों में हमेशा पास रहें।

जब भी याद आये उनकी .....

मीठी सी मुस्कान साथ ले आये।


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