ऐ हवा.....
ऐ हवा.....
ए हवा तू रुक जा यहीं,
बस ऐसे ही...
लिपट जा मुझसे।
गलियों से जो,गुजर के आया है उनके...
खुशबू जो साथ लाया है उनके।
भले ही फासले है दोनों के दरमियाँ,
तेरे जरिये लगता है...
वो मेरे करीब है जैसे ।

