अब लड़ना है
अब लड़ना है
अब लड़ना हो तो अस्पताल के लिए लड़ना
मंदिर और मस्जिद के लिए नहीं
क्योंकि इससे आपको नहीं राजनेताओं को
ऑक्सीजन मिलती है।
अब लड़ना हो तो स्कूल की गुणवत्ता के लिए लड़ना
किसी जमीन के टुकड़े के लिए नहीं
क्योंकि शिक्षा की नीति बनाने वालों ने
खुद की संतानों के लिए इससे बेहतर कुछ और चुना है।
अब सोचना हो तो ध्यान से सोचना
देशद्रोही कौन और देशप्रेमी कौन ?
बेरोजगार तुम, बीमार तुम, बेबस तुम
जिसके लिए लड़े, खुशहाल वो, धनवान वो।