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Nitesh Prasad

Action Inspirational

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Nitesh Prasad

Action Inspirational

आखिरी वार

आखिरी वार

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मैं भी भोली, मैं भी प्यारी

क्या चरित्र की एकलौती उत्तराधिकारी ?


मैं भी सुंदर, मैं भी कोमल

क्या सिर्फ प्यास मिटाने की हूँ जल ?

मेरा भी जीवन, मेरे भी कुछ अधिकार 

क्यों हर बार देता रूढ़िवादी समाज मुझे दुत्कार ?


क्यों मेरे उड़ानों पर है पहरा ?

मेरा भी ख़्वाब है आसमानों पर ठहरा

कुछ बुलंदिया छूई है मैंने

आसमानों को छूना बाकी है


रोक पाएगा न कोई मेरी उड़ान, स्पष्ट है मेरे विचार

अब मेरे संघर्ष का होगा रुढ़िवादी विचारों पर आखिरी वार।


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