STORYMIRROR

Nitesh Prasad

Inspirational

4  

Nitesh Prasad

Inspirational

विजय और पराजय

विजय और पराजय

1 min
356

विजय की जयघोष हो

या हो पराजय का विलाप

सबकी निज संघर्ष गाथा है

विजय अटल नहीं

पराजय शुन्य नहीं


क्यों हार का हम शोक मनाये ?

फिर एक और ललकार होगी

तब देखना जय हमारी होगी


पराजय में छिपी दुर्बलता को दूर करूँगा

एक बार फिर शून्य से शुरुआत करूँगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational