मेरे पापा
मेरे पापा
उद्धरण चिन्ह("_") जैसे हमारे एहसासों को सुरक्षित रखते है
अल्प विराम (, )सा एक के बाद एक निरंतर खुशियां जीवन में जोड़ते जाते हैं
प्रश्नवाचक चिन्ह (?) सा, गलत काम करने से खड़े हो जाते है, एक प्रश्न लिए
त्रुटिपूरक चिन्ह(^)सा, हमारी अधूरी छूट गयी गलतियो को सुधारते है
योजक चिन्ह(-) सा, हमे सुख-दुख, हँसी-खुशी आदि सब में अकेला नहीं छोड़ते
विवरण चिन्ह(:-)सा, हमारे मन के हर जिज्ञासा का पूरा विवरण देते है
निर्देशक चिन्ह(_)सा, उनका निर्देश हमेशा ही हमारी भलाई के लिये होता है
पूर्ण विराम (।)सा, हमेशा हमारे अनगिनत इच्छाओं के अंत तक लग उसे पूरा करते है
पिताजी तो हम सब के जीवन साहित्य के मार्गदर्शक, लेखक, निर्देशक सब कुछ है।
निरंतर जारी उनका त्याग और संघर्ष है बिल्कुल क्रमशः सा।
