नई कविता
नई कविता
सुकून मिलता है,जब लिखता हूँ मैं कोई नई कविता
उम्मीदों से सजकर,नई राह में जब बहती है शब्दों की सरिता
सुकून मिलता है,जब मिलती है देश के प्रति जिम्मेदारी
करता हूँ देश के निर्माण में सहयोग, निभाता हूँ पूरी ईमानदारी
सुकून मिलता है जब,जलाता हूँ ज्ञान की ज्योति मजदूरों के घर
देकर उनके बच्चों को शिक्षा,मुस्कान आती है मेरे चेहरे पर
सुकून मिलता है,जब मेरी रचना से मिलती है दुर्बलों को शक्ति
करूँ आजीवन लेखनी से सेवा,साहित्य को समर्पित मेरी भक्ति।
