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Radha Goel

Inspirational

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Radha Goel

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जब साथ तेरा हमदम

जब साथ तेरा हमदम

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जब साथ तेरा हमदम, तो फिर काहे का गम? 

सप्तपदी के वक्त, दोनों ने लिये वचन। 

दोनों ने निभाए हैं, अब तक वो सभी वचन।

बच्चों को पढ़ा लिखा कर, लायक बना दिया। 

सब अपने-अपने में, हो गए हैं अब गुम।

हम दोनों रहे अकेले, फिर भी नहीं कोई गम।

जब साथ में हम दोनों, फिर क्यों कोई हो गम।


क्यों कहती है तू यह, कांधे से मुझे उतारो ?

तू क्या इतनी भारी, तुझको उतार दूँगा? 

मुझको मालूम है जानम, तू चल नहीं सकती है। 

पैरों में जख्म हुए, हॉस्पिटल दिखाना है।

हाॅस्पिटल है दूर बहुत, जाने का नहीं साधन।

तेरा उपचार कराना

भी आवश्यक है जानम।

इसलिए चढ़ा कांधे, तुझको ले जाऊंगा ।

और वहाँ प्रिये तेरा, उपचार कराऊंगा 

भगवान से दुआ करूँ, कर देगा ठीक तुझे। 

हो जाएगी तू ठीक , इतना विश्वास मुझे। 


जब तक है साथ तेरा, तो नहीं कोई गम है। 

हाथों में तेरा हाथ, यह खुशी भी क्या कम है।

जीवन की सांझ हुई, अब ही तो समय मिला।

एक साथ बैठने का, दोनों को वक्त मिला।

गृहस्थी के झमेले में बीता पूरा जीवन 

अब इसी बुढ़ापे में, मिले प्यार भरे कुछ क्षण।

मैं हूँ तेरा संबल, तू है मेरा संबल।  

तुझसे जीवन में बहार , तू ही है मेरा बल।



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