गौ की महिमा
गौ की महिमा
अति प्राचीन काल से, गौ को माता कहते आए हैं।
सारे वेद पुराणों ने, गौमाता के गुण गाए हैं।
श्रीकृष्ण ने सबसे ज्यादा, गैया को सम्मान दिया।
गौ वर्धन का क्या है फायदा, दुनिया को यह बता दिया।
बृजवासी वर्षा करने को, इन्द्र की पूजा करते थे।
किन्तु कृष्ण ऐसा करने से, उनको रोका करते थे।
अगर पूजना ही है,माँ और गौ माता का पूजो सब
गौमाता के संवर्धन से, अपने हित को साधो सब।
गौ का दुग्ध रोग प्रतिरोधक, तन को पुष्टि प्रदान करे।
उसके दूध से दही व माखन, मन को तुष्टि प्रदान करे।
गौ का गोबर और मूत्र कई कामों में हितकारक है।
बाल वृद्ध सबके ही लिये, गौ दुग्ध लाभदायक है।
गोबर से बने हुए कण्डे , ईंधन के काम में आते हैं।
कण्डों से जो राख बनी,बर्तन चमकाए जाते हैं।
फसलों पर वह राख छिड़क दो,नष्ट किटाणु हो जायें।
फसल सुरक्षित होगी, सारे कृषकों का मन हर्षाए।
याद करो श्री कृष्ण की शिक्षा, गौ माता का मान करो।
गौ की आज दुर्दशा होती, इस पर थोड़ा ध्यान करो।
