आरम्भ यदि शुरुआत है....
आरम्भ यदि शुरुआत है....
आरम्भ यदि शुरुआत है,
तो तय निश्चित ही अंत है!
समस्याएं अनेक हैं जीवन में,
मग़र उनके समाधान भी अनंत हैं!
आरम्भ है तो, अंत है।
जिसने अपने मार्ग को ही अपनी मंजिल मानी है,
जिसने चलने को ही अपनी मुकद्दर ठानी है,
उसके लिए कोई मौसम पतझड़ नहीं,
हर मौसम वसंत है,
आरम्भ है, तो अंत है।
जिसके स्व के हित में भी पर की अनुगूंज है,
जिसके कर्म में भी निष्ठा की अद्भुत दिव्य पुंज है,
जो स्वयं तक सीमित नहीं,
जिसकी दिशाएं भी दिगन्त हैं,
आरम्भ है, तो अंत है।
आरम्भ यदि शुरुआत है, तो तय निश्चित ही अंत है,
समस्याएं अनेक हैं मंज़िल के मार्ग में,
मग़र उनके समाधान भी अनंत हैं,
आरम्भ है तो अंत है।