STORYMIRROR

Vishakha More

Inspirational

4  

Vishakha More

Inspirational

स्त्री छवी

स्त्री छवी

1 min
976

मैं तीर हूं कमान की,

 निशान धनुर्धारी की..

 छवी हूं चित्रकार की

 उमंग हूं बहार की..

 मैं मेघ वर्षाकाल की,

 हूं रश्मी रविराज की..

 जवाब हूं सवाल की,

 हूं कल्पना गिरधारी की..

 मैं लक्ष हूं कटार की,

 दहाड हूं पुकार की..

 हूं बासुरी मैं कृष्ण की,

 धून मिश्री मनोहार की..

 मैं इंद्रधनु बन आऊं जो,

 नीती ठान लूं निर्वाण की..

 मैं इंद्रधनु बन आऊं जो,

 नीती ठान लूं निर्वाण की..!!!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational