तेरी याद
तेरी याद
तेरी यादों मे इस कदर खोये है हम
कैसे कहे के क्यों नहीं सोये है हम
तेरा ही खयाल हर पल है दिल में
तेरे ही खयालो की महफिल सजाये है हम...
तू नहीं तो कुछ भी नहीं ऐसा ही है लगता
पर जो तू दिखे तो मन क्यु है बहकता..
तेरी नजरे मुझे तांकती है पता है मुझे ,
पर डरती हूं जमाने से कही खो ना दूं तुझे..
इसलीये हम चाहकर भी नहीं कर सकते है इकरार ,
पर पता है हमे तुम करते हो हमसे बोहोत प्यार...
कहते है खुदा से हमेशा के कैसा सनम है तुने बनाया
प्यार करना तो सिखाया पर सिखाया नहींं जताना...
कभी लगता है सही भी तो है तेरा ये तराणा
बात आखों से हो अब हमारा भी यही है कहना..
किसी ने क्या खुब कहा है ..
"इश्क और मुश्क छुपाये नहीं छुपता
क्यूँकि ये फसाना दिमाग से नहीं दिलों से है सजता..."

