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Bherusingh Chouhan

Inspirational

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Bherusingh Chouhan

Inspirational

हिंदी

हिंदी

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"हिन्दी का गौरव बढ़ाते चलो "


हिन्दी का गौरव बढ़ाते चलो।

हिन्दी पढ़ो और पढ़ाते रहो ।।


संस्कृत जिसकी जननी बंधु 

है देवों की वाणी,

साधु संत भी पढ़ पढ़ जिसको 

जग में बने महा ज्ञानी।

हिन्दी की गंगा बहाते चलो।

हिन्दी का गौरव .....

रसखान, जायसी, तुलसी, सुर ने

दी छंदों की माला,

मीरा ने भी भक्ति रस में 

पी लिया विष का प्याला।

हिन्दी को दिल में बसाते चलो।

हिन्दी का गौरव....

सबसे पहले रिश्तों का बन्धन

हम सबको सिखलाया,

"मां" शब्द और बोध "पिता" का

सर्व प्रथम करवाया।

हिन्दी का दीपक जलाते रहो।

हिन्दी का गौरव....

सरल सहज है भाषा हिन्दी

हिन्दी को ही जाने,

कोयल सी है मीठी हिन्दी 

हिन्दी को पहचाने।

गीत, भजन को गाते चलो।

हिन्दी का गौरव....

धड़कन देश की सबकी प्यारी 

हिन्दी को अपनाएं ,

जन गण मन और वन्दे मातरम्

मिलकर सारे गाएं।

हिन्दी का रंग जमाते चलो।

हिन्दी का गौरव....

सबसे पहले मिलकर सारे 

आज करें अभिनंदन ,

दिल में बसाएं हिन्दी को ही

हम करते हैं वंदन।

हिन्दी का डंका बजाते चलो।

हिन्दी का गौरव....


हिन्दी हमारी माता


हिन्दी है हमारी माता

सम्मान इसका है करना ,

हम जग में बढ़ाएं गौरव 

अपमान कभी न सहना।।

हिन्दी सरल - सहज है

है सरताज यह हमारी ,

हिन्दी की गोद में ही

हमने ज़िन्दगी ये गुजारी।

सदियों से जिसमें बहती 

है संस्कारों की सरिता ,

सभी मिल के गुन गुनाओ

बने गीत, भजन, कविता।

साहित्य के इस सफ़र में

निर्बाध सबको ही बढ़ना,

हिन्दी है हमारी माता

सम्मान इसका है करना।।

दूर मन का हो अंधेरा 

दीप हिन्दी का जलाएं ,

देवों की भाषा है हिन्दी 

हृदय तल में हम बसाएं।

हमें अपनी मां की सेवा 

आज करना है सभी को ,

करना है दूर ये मिलकर 

दुनिया में इस कमी को।

सच्चाई के इस पथ पर

सबको ही आज चलना।

हिन्दी है हमारी माता

सम्मान इसका है करना।।

" मां " शब्द सबसे पहले 

इस जिव्हा पर ये आया ,

गीता, रामायण, वेदों का

जिसमें ज्ञान कोष समाया।

करें मिल के सारे वंदन

दुनिया में पहचान बनाएं ,

"विश्व भाषा " का परचम 

चहुं ओर जब ये लहराए।

अनुपम मधुर है ये हिन्दी 

इस देश का है गहना।

हिन्दी है हमारी माता

सम्मान इसका है करना।।




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