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राजेश "बनारसी बाबू"

Inspirational

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राजेश "बनारसी बाबू"

Inspirational

स्वामी दयानंद सरस्वती

स्वामी दयानंद सरस्वती

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12 फरवरी 1824 में इस महामानव का जन्म हुआ

नाम दयानंद सरस्वती जिनका नाम लेते ही

हर शख्स अपने में ही धन्य हुआ

समाज के सुधार में अपना सारा समय लगाया था

भारत का वह सच्चा सेवक सच्चा भारतीय भक्त कहलाया था

आर्य समाज का स्थापना कर भारत का गौरव

बढ़ाया था

वेदो के प्रचार में अपना सारा जीवन समर्पित कर आया था

भारतीय खेमे में सबसे पहले स्वराज्य का इन्होने लगाया था

बाद में इस प्रयास को लोक मान्य तिलक बड़े गर्व से इसे आगे बढ़ाया था

वैचारिक आंदोलन शास्त्रार्थ एवम् व्याखान में 

अपना सब कुछ अर्पण कर आया था

अंग्रेजो के दासता के विरुद्ध कस के फटकार लगाया था

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रणेता व विद्वान थे आप

सच्चे हिन्दू व आधुनिक भारतीय दर्शन के पथप्रदर्शक ऋषि थे आप

एक देश भक्त और नेक कार्यो के स्तंभ थे आप

आपने जीवन भारत के राजनीतिक और संस्कृति के सुधार में कार्य किया 

अपना समस्त जीवन देश व समाज के विकास के हेतू खर्च किया


अग्रजो के भीषण षड्यंत्र से स्वामी जी की मृत्यु हुई

30 अक्टूबर 1883 को दीपावली के दिन यह घटना घटी

स्वामी जी के अंतिम शब्द प्रभु तूने अच्छी लीला की आपकी इच्छा पूर्ण हो

हे मानव तू जब तक रहे पृथ्वी पर तब तक सत्य कर्म हो

स्वामी जी आपकी पुण्य तिथि पर हम आपको याद करते है

आपके किए गए समस्त राष्ट्र कार्य से प्रेरणा लेकर हम उन पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करते है।



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