पिता की छाँव में।
पिता की छाँव में।
बच्चे हमेशा पिता की छाँव में,
हर पल हर लम्हा रहना चाहते।
बड़े होकर कुछ उनमें से अपने,
माता-पिता को ही पराया करते।
पिता की आँखों में देखा है फ़र्ज़,
हर औलाद को चुकाना यह कर्ज।
उनकी छाँव में सुनहरे सपने देखें,
पूरा होने पर उनको बोझा समझें।
जन्म से किशोरावस्था तक पाला,
बुढ़ापे में हमको भी फ़र्ज़ निभाना।