अपने सृजित स्वप्नलोक भ्रमण को कभी न दें आराम विश्राम। अपने सृजित स्वप्नलोक भ्रमण को कभी न दें आराम विश्राम।
दूसरों के समक्ष रोककर कायर नहीं कहला सकते। दूसरों के समक्ष रोककर कायर नहीं कहला सकते।
भूमिका और सारांश भूमिका और सारांश
रूंदन से नहीं बदल जाता नियति का लिखा। रूंदन से नहीं बदल जाता नियति का लिखा।
जो कर सकते हैं, केवल समाज के, सहायकर्ता पूरा। जो कर सकते हैं, केवल समाज के, सहायकर्ता पूरा।
महामारी का विकराल रूप दिखाया है जिसे कोई समझ ही नही पाया है महामारी का विकराल रूप दिखाया है जिसे कोई समझ ही नही पाया है