स्वप्नलोक भ्रमण
स्वप्नलोक भ्रमण
जीवन में निद्रा का है प्रमुख भूमिका,
कल्पित काल है नूतन लक्ष्य की प्रकाशिका।
अभीष्ट अभिलाषा करवाते हैं स्वप्नलोक का भ्रमण,
चिरस्मरणीय चित्तरञ्जित है ईप्सित लोक का परिभ्रमण।
सपनों के देश में नहीं जाने से जीवन में होगा नहीं अभिवृद्धि,
निर्धारित आकाँक्षाओं के पूरण प्रति प्रयास
रहने से मिलेगा सिद्धि समृद्धि।
श्रीजगन्नाथ भी दिए थे अपने भक्तों को स्वप्नादेश,
अपने दक्षता प्रति भरोसा रखकर विहरण करें यह परिवेश।
कितना आनंद देते हैं विभिन्न स्वप्न,
हर एक सपना होता है एक अमूल्य बहुमूल्य रत्न।
दैनिक जीवन में आएंगे कितने ही कर्त्तव्य काम,
अपने सृजित स्वप्नलोक भ्रमण को कभी न दें आराम विश्राम।
