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Sheetal Raghav

Inspirational Children

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Sheetal Raghav

Inspirational Children

सहायकर्ता की भूमिका

सहायकर्ता की भूमिका

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मम्मी तुमको कुछ बात है बतानी,

सामाजिक सहायकर्ता की,

भूमिका है तुम्हें समझानी,


जिनके साथ हो जीवन,

आसान और पूरा,

यह है,

जीवन में तो हमें,

नहीं हो ज्यादा काम,


इनसे होता जीवन,

और काम आसान।

जब भूख लगे खाना यह देते,

यह रसोईया है कहलाते,


बढ़िया व्यंजन झटपट बना लेते,

केक पेस्ट्री लड्डू और पेड़ा,

और जाने क्या-क्या,

यह है गड लेते ?


व्यंजनों से घर महका दे,

बोलें,

खा लो तुम झटपट,

पर खाओ थोड़ा-थोड़ा,

नहीं तो पेट में,

हो जाएगी गड़बड़ !


पेट में हो गई,

जब गड़बड़ गड़बड़,

खाकर लड्डू और मीठ पेड़ा,

डॉक्टर के क्लीनिक,

तुम ले जाओ इसे झटपट,


नर्स सुबह हमें देती,

खाने को गोली,

बोले हरदम वह मीठी बोली,

ले लो इंजेक्शन अरे ओ भैया,

नहीं तो,

हो जाएगी पेट में गडबड ओ भईया,

निकले जब हम खाकर गोली,

गाड़ी बीच में खटपट बोली,


शायद मुझ में भी कुछ गड़बड़ अब हो ली,

बोली झटपट मैकेनिक बुला लो, गोली,

गोली ने झटपट फोन मिलाया,

तब जाकर कहीं मैकेनिक आया।


नब्ज देखी और टटोली,

तब गाडी का मर्ज कुछ समझ में आया,

पिलाई दवाई ऑयल वाली,

तब जाकर गाड़ी की हालत में,

कुछ सुधार आई।


अब तुम घर जल्दी,

ले चलो ओ ड्राइवर भैया,

बोले गोली और उसकी प्यारी मैया।

जल्दी के चक्कर में,

ड्राइवर ने ट्रैफिक का नियम तोड़ा,


रुकना था, सिग्नल पर,

परंतु सिग्नल को पीछे छोड़ा,

देख उल्लंघन ट्रैफिक का,

ट्रैफिक पुलिस पीछे से दौड़ा,


आकर ट्रैफिक पुलिस गुरुराया,

लगाकर फाइन,

यातायात का नि

यम समझाया।

गुस्से में ड्राइवर भैया ने घर पहुंचाया,

हाथ पाव धोने को जैसे ही,


नल को घुमाया,

नल का हैंडल,

ड्राइवर के हाथ में आया।

तब हमने प्लंबर को बुलाया,

प्लंबर जल बहने के डर से,

जल्दी जल्दी दौड़ भाग कर आया।


जल बहुत ही है अनमोल,

जिसका नहीं लगा सकता कोई मोल।

टीचर परेरा ने हमको सिखलाया,

पानी की महिमा का पाठ बताया।

टीचर परेरा कहती है,


स्वच्छता का तुम,

सब मिलकर अभियान चलाओ,

 ना गंदगी अपने आसपास फैलाओ,

अगर चाहिए मदद थोडी तो,

स्वच्छता कर्मी को झटपट बुलाओ।


मम्मी चलो अब घर के भीतर आओ।

जाना है छुट्टी पर तो,

कुछ अच्छा सा बनवाओ,

पापा शाम को जल्दी घर आ जाएंगे।

फिर हम सब मिलकर,


गर्मी के मौसम में,

शिमला कश्मीर और मनाली जाएंगे।

मम्मी हवाई जहाज में,

डर मुझको बहुत है लगता,

मम्मी बोलीं, में हूं,

 

तो फिर तुम्हें डर क्यों है ? लगता

एयर होस्टेस दीदी आ जाएगी,

तुमको नियम प्लेन में समझा जाएंगी,

कैसे सीट बेल्ट और,

ऑक्सीजन मास्क है लगाते,


मोबाइल प्लेन में,

बिल्कुल भी नहीं चलाते,

हम सब सुरक्षा पूर्वक,

अपने गंतव्य पर पहुंच जाएंगे,

 

फिर सब मिलकर,

गर्मियों की,

छुट्टी का,

लुत्फ उठा पाएंगे।


टीचर परेरा ने,

हमें एयर होस्टेस का भी,

मोल बताया,


सहायक कार्यकर्ता की भूमिका,

का महत्व समझाया,

तब जाकर अपने जीवन में,


इन सब का मोल,

हमें समझ में आया,

इनके बिना समाज

का काम अधूरा,


जो कर सकते हैं,

केवल समाज के,

सहायकर्ता पूरा।


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