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Jyoti Sharma

Drama

3  

Jyoti Sharma

Drama

खोई हुई भावना

खोई हुई भावना

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वर्षों से हम परंपरागत तरीके सीखते आए

हमारे समाज में भूमिकाओं का भी बंटवारा है

बेटी पराई बेटा अपने वंश का सहारा है

इसलिए बेटी कम लाडली व बेटा अधिक प्यारा है


बेटी घर संभालेगी व बेटा घर चलाएगा

तभी तो वह घर का मुखिया कहलाएगा

बेटे को दृढ़ व साहसी होना ही होगा

अपनी कुछ भावनाओं को खोना ही होगा 


वह भयभीत नहीं हो सकता साहस नहीं खो सकता

ऐसा हुआ तो दूसरों को भय से बचाएगा कैसे

दुखी होकर रोना उसके भाग्य में नहीं

खुद रो के दूजों को ढांढस बंधायेगा कैसे


लड़कों को अपनी भूमिका में रहना पड़ता है

वह जो नहीं चाहते वह भी बनना पड़ता है

शूरवीरों की गाथाओं को नहीं भुला सकते

दूसरों के समक्ष रोककर कायर नहीं कहला सकते।


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