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Jyoti Sharma

Others

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Jyoti Sharma

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ईश्वर ही सहारा देता है-कठपुतली

ईश्वर ही सहारा देता है-कठपुतली

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कठपुतली मन ही मन सोचे

क्यों बाजीगर हमें नचाए

धागों को जो तोड़ हि दें हम

तो अपने मन की कर पाएं


सब ने मिलकर करी सलाह

और मन में किया विचार

जो मिलकर हम जोर लगाएं

बाजीगर चक्कर खा जाए


आओ मिलकर उसे दिखा दें

हम क्या हैं उसको समझा दें

तू समझे हम अक्षम हैं

अरे! हम तो खुद में सक्षम हैं


वो सोचे कुछ पाएगा

उंगली पर हमें नचाएगा

हम उसको अभी दें दें उत्तर

कि हम ना हैं उस पर निर्भर


बड़े ताव से फिर सबने

मिलकर था ज़ोर लगाया

एक ही क्षण में फिर खुद को

भूपर था टूटा पाया


पलभर में सब समझ गए

क्यों धागे से था मेल

इसमें कहीं भी दोषी ना था

बाज़ीगर का खेल


ऐसे ही हम इंसानों का

बाज़ीगर ऊपर वाला है

हम सब में ऐसे ही उसने

अदृश्य धागा डाला है


तांकि जग से बचा सके

और सही राह पर चला सके

उसकी बनाई इन कृतियों पर

कोई मुश्किल ना आ सके


पर विषम समय पर हम मानव

उसकी दया को भूल जाते हैं

और खुद को समझ कर्ता-धर्ता

बस अपनी धौंस दिखाते हैं


सच मानो उल्टी राह पकड़

स्वयं अपना विनाश बुलाते हैं

जब सब मिट्टी हो जाता

फिर वापस उसे मनाते हैं


सब भूलके फिर से बांह पकड़

वो ही तो गुज़ारा देता है

यह सच है जब सब मिट जाए

ईश्वर ही सहारा देता है


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