रौनक है सितारों में।
रौनक है सितारों में।
कहते हैं रौनक है सितारों में, नूर चांद में होता है।
ए तारीफों के तराजू सुनो भानु बन के धूप तुम तक लाता हूं मैं।
कितनी बातें हैं जो किसी जबान में नहीं समझ आती।
मुश्किलों से लेकर मोहब्बत में काम कर जाए ऐसा आंखों का इशारा हूं मैं।
बादल पुकारे या खिलती कलिया,
धूप सताए या पत्तों पर लेटी ओस बुलाए।
कुछ सुनाई नहीं देता जब तेरे ख्यालों में होता हूं मैं।
बहुत बुलाने के बाद सितम आया है जीने मरने का।
इतने में समझ जाना चाहिए तुम्हें मोहब्बत में हूं मैं।
सांसो की धुन में भी एक सरगम बजती है।
जब तेरा नाम लेकर सोता हूं मैं।
लोग मुझे समझने का झूठा दावा करते हैं।
जिस तरह लिखावट है उस तरह ढल जाता हूं मैं।