दूर बादलों के उन अँधेरों ने
दूर बादलों के उन अँधेरों ने
दूर बादलों के उन अँधेरों ने
ये इशारों में कह दिया,
मौसम तेरी खुशियों का आया हे
ये जमीं से कह दिया।
परवरदिगार ने ये अन्न के दाता को वरदान दे दिया,
एक मौसम ने तेरे लिए भाप को बारिश बना दिया।
फसलों में जान आ रही है
आज बूंदों ने मिट्टी को गले लगा लिया,
एक त्योहार बन गया हे मोहल्ले में
मैंने पंछियों को मोहब्बत में देख लिया।
समय आ गया है सूर्य को छुपने का
मयूर ने पंख फैलाये और नृत्य कर दिया।
