दुर्घटना
दुर्घटना
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तुम कहते चले गए
और मैं बदलती गयी,
कभी ये नहीं सोचा क्यूँ..
आज जब देखती हूँ तो
सोचती हूँ ,
अब तो मेरा मुझ में
कुछ रह ही नहीं गया..
शायद मेरा मैं भी नहीं रहा,
खो चुकी हूं अपना वजूद,
हो चुकी हूँ तेरी
और सिर्फ तेरी..
ये मेरे जीवन की सुखद घटना है
या कोई दुर्घटना,
समझ से परे है सब...!!