परियाग नहीं, इलाहाबाद!
परियाग नहीं, इलाहाबाद!
हर सीज़न के बाद
निकलते हैं घर से
हाथ में लिए किताब
मनमें अफ़सरशाही
का ख्वाब
परियाग नहीं, इलाहाबाद!
छोटा बघाड़ा,
अल्लापुर, एलनगंज या
चांदपुर सलोरी की
तंग गलियों से तंग आकर
लगते हैं पूँछने
कोने की दुकान से
कि मिल जाये कहीं
कमरा खाली है का निशान!
थक-हारकर
दो रोटी मेरी भी,
दोस्त से बोलकर
दाल चावल में
आलू सानकर
लेते डकार
उसी की चादर तानकर
लेते पैर पसार
भूलकर
कि मिल जाये कहीं
कमरा खाली है का निशान!
दोस्त!
तुम्हारी मैथ अच्छी है
मेरी इंग्लिश
आओ मिलकर करेंगें
प्रैक्टिस
तुम मुझे
राम के द्वारा जोते गए
खेतों में दिनों की संख्या
बताना
मैं तुम्हे बताऊंगा
नाउन, प्रोनोउन
टेन्स, वौइस् का फसाना
एडिओम्स फ्रेज का
टेंसन नहीं
सब मिलकर रट लेंगे
एक छोटी सी
नौकरी लेकर निकल लेंगे
फिर ढूंढेंगे
नए शहर में
कमरा खाली है का निशान!
नया शहर सब के लिए नया है
इलाहाबाद से बिछड़ा वह
कब मिला है
थैंक्स फेसबुक
व्हाट्सएप का
कि टच में हैं
हम सब
वरना सब अपनी अपनी
जिंदगी में व्यस्त हैं।
