मदर्स डे
मदर्स डे
सोशल मीडिया के हर प्लेटफार्म पर आज माँ फरिश्ता बन उतर आई है...
तो फिर क्यों वृद्धा आश्रम में माताएं बन चुकी पराई है..?
क्यों उम्र के एक मोड़ पर माताएं पेट भर भोजन भी नसीब नहीं पाई है ...?
अपने रक्त से नौ महीने तक पोषित करने वाली माँ की उनकी सन्तान ही बन चुकी कसाई है ।
तो फिर व्यर्थ का दिखावा करना क्या है? यह तो सरासर जगह हंसाई है..!
गनीमत इस बात की, कि एक दिन भी तो मां के लिए अनुराग उमड़ पाई है !