Neeru Nigam

Others

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मौत

मौत

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जीवन का एक ही अटल सच, मौत ।

जन्म लेने के साथ ही शुरू हो जाता खौफ, मौत।

अमीर गरीब में जो ना भेद करे, मौत ।

स्वरूप किसी का कुछ भी हो,

पर अन्जाम सबका एक, मौत ।

कितना भी अभिमान कर लो,

कितना भी गुमान,

हर अभिमान को जो चकनाचूुर कर दे, मौत ।

बरसों का जीवन ,

पल भर में इतिहास बना दे, मौत ।

बंगला, गाड़ी, सारी दौलत,

जिसके आगे बेमानी, मौत ।

हो लाख तेरी शौहरत,

पल भर में सब खाक कर दे, मौत ।

तू कितना भी हो बलवान,

तेरी हर ताकत से बड़ी जिसकी ताकत, मौत।

वो तेरा दोस्त हो या हो दुश्मन,

सभी की एक दिन आनी तो तय है, मौत ।

ना रंग लुभा पाया , 

ना रूप ही रोक पाया,

जिसके सामने सब हारे , मौत ।

ना राजा को बक्शा , ना ही किसी रंक को,

सबके साथ एक ही सा व्यवहार करती, मौत ।

अपने आगे सबको असहाय बना जीवन का एक ही अटल सच, मौत ।

जन्म लेने के साथ ही शुरू हो जाता खौफ, मौत।

अमीर गरीब में जो ना भेद करे, मौत ।

स्वरूप किसी का कुछ भी हो,

पर अन्जाम सबका एक, मौत ।

कितना भी अभिमान कर लो,

कितना भी गुमान,

हर अभिमान को जो

चकनाचूुर कर दे, मौत ।

बरसों का जीवन ,

पल भर में इतिहास बना दे, मौत ।

बंगला, गाड़ी, सारी दौलत,

जिसके आगे बेमानी, मौत ।

हो लाख तेरी शौहरत,

पल भर में सब खाक कर दे, मौत ।

तू कितना भी हो बलवान,

तेरी हर ताकत से बड़ी जिसकी ताकत, मौत।

वो तेरा दोस्त हो या हो दुश्मन,

सभी की एक दिन आनी तो तय है, मौत ।

ना रंग लुभा पाया , 

ना रूप ही रोक पाया,

जिसके सामने सब हारे , मौत ।

ना राजा को बक्शा , ना ही किसी रंक को,

सबके साथ एक ही सा व्यवहार करती, मौत ।

अपने आगे सबको असहाय बना देती, मौत ।।



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