मौत
मौत
जीवन का एक ही अटल सच, मौत ।
जन्म लेने के साथ ही शुरू हो जाता खौफ, मौत।
अमीर गरीब में जो ना भेद करे, मौत ।
स्वरूप किसी का कुछ भी हो,
पर अन्जाम सबका एक, मौत ।
कितना भी अभिमान कर लो,
कितना भी गुमान,
हर अभिमान को जो चकनाचूुर कर दे, मौत ।
बरसों का जीवन ,
पल भर में इतिहास बना दे, मौत ।
बंगला, गाड़ी, सारी दौलत,
जिसके आगे बेमानी, मौत ।
हो लाख तेरी शौहरत,
पल भर में सब खाक कर दे, मौत ।
तू कितना भी हो बलवान,
तेरी हर ताकत से बड़ी जिसकी ताकत, मौत।
वो तेरा दोस्त हो या हो दुश्मन,
सभी की एक दिन आनी तो तय है, मौत ।
ना रंग लुभा पाया ,
ना रूप ही रोक पाया,
जिसके सामने सब हारे , मौत ।
ना राजा को बक्शा , ना ही किसी रंक को,
सबके साथ एक ही सा व्यवहार करती, मौत ।
अपने आगे सबको असहाय बना जीवन का एक ही अटल सच, मौत ।
जन्म लेने के साथ ही शुरू हो जाता खौफ, मौत।
अमीर गरीब में जो ना भेद करे, मौत ।
स्वरूप किसी का कुछ भी हो,
पर अन्जाम सबका एक, मौत ।
कितना भी अभिमान कर लो,
कितना भी गुमान,
हर अभिमान को जो
चकनाचूुर कर दे, मौत ।
बरसों का जीवन ,
पल भर में इतिहास बना दे, मौत ।
बंगला, गाड़ी, सारी दौलत,
जिसके आगे बेमानी, मौत ।
हो लाख तेरी शौहरत,
पल भर में सब खाक कर दे, मौत ।
तू कितना भी हो बलवान,
तेरी हर ताकत से बड़ी जिसकी ताकत, मौत।
वो तेरा दोस्त हो या हो दुश्मन,
सभी की एक दिन आनी तो तय है, मौत ।
ना रंग लुभा पाया ,
ना रूप ही रोक पाया,
जिसके सामने सब हारे , मौत ।
ना राजा को बक्शा , ना ही किसी रंक को,
सबके साथ एक ही सा व्यवहार करती, मौत ।
अपने आगे सबको असहाय बना देती, मौत ।।