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sunayna mishra

Inspirational

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sunayna mishra

Inspirational

माँ

माँ

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मां बनने का सुखद एहसास 

   बेटी घर आएगी फैलेगी सुवास 

   महकेगा घर -आंगन का कोना- कोना

   हो गया था जाने क्यों एहसास !

जीवन में वह सुनहरा पल आया

   यथार्थ के धरातल पर तुमको पाया

   राजीव लोचन से अपलक निहारते तेरे नैन

   तुमने मेरी अंक को फूलों सा सजाया ।

भावनाओं, संवेदनाओं से युक्त 

   सोन चिरैया सी कलरव करती 

   पायल की छम- छम से जीवनमे

   घर की खुशियों में अलौकिक दिव्यता भरती।

चंचल तरंगों सी अठखेलियांँ करती 

   संकल्पित मन से लक्ष्य भेदती 

   सफलता प्राप्त कर आह्लादित करती 

   मात- पिता को गौरवान्वित करती।

परिंदों सी उड़ान भरी जब से 

   मन विकलांत मिलन को तुमसे

   अब धैर्य साथ छोड़ने लगा है 

   हर पल तेरे आने की आस करने लगा है ।

 बारिश बन बरसो तुम घर -आंँगन में

   छा जाए हरियाली घर के हर कोने में

   आंँखों का नूर,आत्मा का अंश हो तुम 

   संँजों लू ह्रदय में तेरी चंचल मुस्कान।।


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