मां तुझे नमन
मां तुझे नमन
तुम लाई मुझको यहाँ,तुम हो मेरी आत्मा
तुमने महकाया मेरा जहाँ।धन्य हो परमात्मा
सीप के मोती सा अनमोल एहसास कराती
तुम्हारा ही हिस्सा हूँ,,ये सौभाग्य दिलाती
कहाँ तुम चली गयी, तुम्हारी याद बहुत है आती।
बचपन का बचपना और सब अठखेलियाँ
साथ तुम्हारे खो गयी सब सखियाँ सहेलियां
रोज़ रोज़ तुमसे मिलती राजा रानी की सौगाते,
तुहारी लाल बिंदी में,सिमटा मेरी सांसों का चमन,
तुम्हारे स्पर्श से महक उठता था मेरा मधुबन
आज सूना पड़ा मेरा घर का आँगन
तुम्हारी पायल की वो छन छन
तुम्हारी चूड़ी की वो खन खन
जिनमें खोया रहता था मेरा मन
मै आज उन्हें सुनने को है बेचैन
माँ तुम्हे नमन।
तुम्हें क्या दूं माँ, प्रतिदान?
सदा रहे यह स्नेह वितान।
तुमने संवारा मेरा तन और मन,
माँ तुम्हे नमन!🙏🙏🙏
