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sunayna mishra

Abstract

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sunayna mishra

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फरिश्ता

फरिश्ता

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बहुत सी ग़लतियाँ करके भी हम सुरक्षित हैं

फ़लक पे दूर हम पर भी मेहरबान है कोई


कभी ऐसा भी होता है कि पथ भ्र्ष्ट हो जाये

तभी वो हौसला देता है, निगेहबान है कोई


कभी घबरा के जब कहते हैं दुनिया छोड़ जायेंगे

वही जीना सिखाता है, वो भगवान है कोई


 दुनिया मे तो आना जाना लगा ही रहता है इंसान का 

 क्यो न दुनिया में ऐसे रहै कि जैसे मेहमान है कोई


बिना देखे एक हसीन रूहानी अहसास है लेकिन

हिफाज़त को हर समय उठाये गोवर्धन है कोई. 


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