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praveen ohdar

Inspirational

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praveen ohdar

Inspirational

मैं कवि

मैं कवि

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मैं कवि हूँ , फूल की तरह

सौंदर्य और सुगंध

प्रतिपल

हवा में बिखेर रहा हूँ।

मुस्कुुुराते रहकर

दुनिया का दुख हर लेना

हमारा काम है। 

आज जबकि 

हवाओं में सब तरफ

जहर घोला जा रहा है

चांदनी का गला घोंटा जा रहा है।

मेरी प्रकृति में

जरा सा भी बदलाव नहीं आया

मैंने चंंद्रमा की तरह 

रात के अंंधेरे के विरुद्ध

युद्ध छेेेड़ रखा है।


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