दोहे सुल्तानी -८
दोहे सुल्तानी -८
सिखों में तब से दिखा, तुमको खालिस्तान,
उनको जब कहते सुना, छलिया है सुल्तान ।१
हर मुस्लिम में क्यों दिखा, तुमको पाकिस्तान,
क्योंकि तुम्हारे मगज में, नफरत है सुल्तान ।२
टुकड़े-टुकड़े गैंग का, करके नाम प्रदान,
देने लगा किसान को, बदनामी सुल्तान ।३
खोली है केयर्स कि तुमने नई दुकान,
पता नहीं किससे लिया किसे दिया सुल्तान ।४
माओवादी कह दिया, जो भी थे विद्वान,
बचे रह गए शेष बस, बौने ही सुल्तान ।५
श्रमिकों के संबंध में, ऐसे रचे विधान,
शोषण गहरा और भी, होगा अब सुल्तान ।६
नहीं सुरक्षित आज भी दलितों का सम्मान,
उत्पीड़न शोषण दमन रुका नहीं सुल्तान ।७
अब सरकारी नीति से, लुप्त हुआ कल्याण,
सब सेठों के हाथ में, सौंप दिया सुल्तान ।८
शिक्षा स्वास्थ्य विभाग के, काट दिए अनुदान,
कैसे शिक्षित स्वस्थ अब, निर्धन हों सुल्तान ।९
पुलवामा का आज तक, कर न सके संधान,
रोकोगे आतंक को, कैसे तुम सुल्तान ? १०
