मुझे न अभिलाषा तुलसी की, प्रिय मैं शालिकराम नहीं हूँ। जो अक्षत प्रत्यंचा चाहे, वह अचूक संधा... मुझे न अभिलाषा तुलसी की, प्रिय मैं शालिकराम नहीं हूँ। जो अक्षत प्रत्यंचा च...
आदर्श बनाएं अर्जुन को , मछली की आंख नजर आये। आदर्श बनाएं अर्जुन को , मछली की आंख नजर आये।
बहुधा लोगों को इंतजार का मिलता है सुखद परिणाम बहुधा लोगों को इंतजार का मिलता है सुखद परिणाम
श्रमिकों के संबंध में, ऐसे रचे विधान, शोषण गहरा और भी, होगा अब सुल्तान श्रमिकों के संबंध में, ऐसे रचे विधान, शोषण गहरा और भी, होगा अब सुल्तान