STORYMIRROR

Dr J P Baghel

Tragedy

4  

Dr J P Baghel

Tragedy

दोहे सुल्तानी -६

दोहे सुल्तानी -६

1 min
340

जो भी चाहो सो करो, सब कुछ है आसान,

करो गुंडई भी, अगर, गुंडा हो सुल्तान ।१


बिक जाएंगे आपके, खेती और मकान, 

अनुभव से सम्पन्न यदि, मिल जाए सुल्तान ।२


किससे कितना धन मिला, गुप्त रखी पहचान,

किसकी हिम्मत है कहे, चोरी है, सुल्तान ।३


घटियापन के तोड़कर, सारे ही प्रतिमान,

सत्ता से चिपका रहा, हटा नहीं सुल्तान ।४


स्वास्थ्य मरा, शिक्षा पिटी, ऋण ने भरी उड़ान,

लेकिन डूबा ही रहा, मस्ती में सुल्तान ।५


मंगवा लिए खरीदकर, अति उत्कृष्ट विमान,

प्रजा सड़क पर आ गई, नभ पर था सुल्तान ।६


धन लेकर के हो गए, छूमंतर धनवान,

चर्चाएं होने लगी, शामिल था सुल्तान ।७


जिन्हें विमानों का नहीं, रत्ती भर भी ज्ञान, 

दे देता है काम वह, उनको भी सुल्तान ।८


लोकतंत्र की अधिकता, लेने लगी उफान, 

कम करने में लग गया, परेशान सुल्तान ।९


राष्ट्र-सेठ दो मिल गए, इतने अधिक महान, 

आसानी से कर लिया, कब्जे में सुल्तान ।१०



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy