जीवन
जीवन
जीवन इक सुन्दर मधुवन भी है।
जीवन जीवन भर की उलझन भी है ।।1।।
जीवन कांटों का कानन भी है ।
जीवन कभी बरसता सावन भी है।।2।।
जीवन एक समन्दर भी है ।
उठती डूबती लहरों का दंगल भी है।।3।।
जीवन सब कुछ पाना भी है ।
जीवन सब कुछ लुटाना भी है ।।4।।
जीवन भूलनाऔर भुलाना भी है ।
जीवन किसी पर मिट जाना भी है ।।5।।
जीवन सरस स्नेह सरिता भी है ।
जीवन पतझड़ सूखी लतिका भी है ।।6।।
जीवन शान्त सी आराधना भी है ।
जीवन मौन "ऊँ" साधना भी है।।7।।
जीवन के पहलू अनेक एक नहीं है।
जीवन जीना भी कोई खेल नहीं है।।8।।
जीवन- जीवन है कोई ठेलमठेल नहीं है।
एक से मिलना दो से कटना मेल नहीं है।।9।।
सोच समझ सम्भल के चल! रे "गौतम"।
जीवन-जीवन है लोहे की रेल नहीं है ।।10।।