मेरा वजूद
मेरा वजूद
ख़ुद बनाया है मैंने अपना वजूद, किसी ने मुझे संवारा नहीं है।
दर्द से कह दो रहम ना करें, ये मेरा दिल अभी हारा नहीं है।
करूँ मैं जख्मों की अपने नुमाइशें ये मुझे गवांरा नहीं है
दिल भले कुछ अपनों से ही बेजार है पर आवारा नही है
आँधियों से डर कर बैठ जाऊँ ऐसी भी मेरी हस्ती नहीं है
दुनिया बोलते पुतलो की मण्डी है जिंदा इंसानो की बस्ती नहीं है
ऐसे मे किसको दे आवाज़ जब कोई भी हमारा नहीं है
दिल भले कुछ अपनों से बेजार है पर आवारा नहीं है
जिंदगानी है जब तक ये रंज -ओ - गम तो आते रहेंगे
जब जब भी हंसना हम चाहेंगे ये हमको रुलाते रहेंगे
आंसुओं के लिए ढूंढे किसी का दामन इतना भी बेचारा नहीं है
दिल भले कुछ अपनों से बेज़ार है पर आवारा नहीं है
ईश्वर की कठपुतली है हम उसके इशारों पर नाचे जायेंगे
रोते हुए दुनिया मे आये थे हंसते हंसते यहाँ से विदा हो जायेंगे
जीते जी खुद ढोना है भार जिंदगी का कोई यहाँ सहारा नही है
दिल भले कुछ अपनों से बेज़ार है पर आवारा नहीं है।