हम भी ग्रुप बनाएंगे
हम भी ग्रुप बनाएंगे
देखकर फेसबुक पर इतने ग्रूपो की बहार
दिल मे हमारे भी आया ये विचार
क्यो ना हम भी एक अपना ग्रुप बनाए
उसमे अपने सभी मित्रो को लाए
बनकर एडमिन उस ग्रुप के हम
नित नए टास्क लेकर के आए
जैसे ही ऐसे विचार मन मे आए
हम मन ही मन अपने हर्षाए
तभी सुनी एक महापुरुष की अमृत वाणी
जिसको सुन स्वप्न को अपने सच करने की ठानी
जितने आएंगे लाइक उतना मिलेगा पैसा
कितना अच्छा हो जो हो जाये ऐसा
कोचिंग क्लास फिर हम बंद कर देंगे
क्यो व्यर्थ का सरदर्द हम लेंगे।
सारा समय जायेगा नोट गिनने मे
या फिर उसके लिए भी हेल्पर रख लेंगे।
ख्वाबो की दुनिया मे खोये थे
नही जानते जागे थे के सोये थे।
ऑस्ट्रेलिया , अमेरिका , स्वीजरलैंड
ना जाने कहाँ कहाँ के स्वप्न सजोये थे।
तभी अलार्म की आवाज़ ने हमें जगाया
स्वप्न की दुनिया से हकीकत मे लाया।
जब उठे मसलते हुए दोनो आँख
चारो तरफ् फैले थे घर के काम
बच्चो को दूध दे पढ़ने के लिए उठाना था
पतिदेव के लिए अभी टिफिन भी बनाना था।
पिता की दवाई का फिर आया ध्यान
भूल गए महापुरुष का दिया सारा ज्ञान
इतनी व्यस्तता के बीच कैसे कोई फेसबुक चलाएगा
हमें प्यारी हमारी क्लास ये ग्रुप का झंझट हमसे ना हो पायेगा।