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Harshita Dawar

Inspirational

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Harshita Dawar

Inspirational

कोशिश न कर

कोशिश न कर

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हर औरत को दबाने की कोशिश न कर

तू मर्द है तो क्या जिलालत दिखाने की कशिश ना रख

तेरे बाप को जागीर नहीं जब एक से मन भरा तो छोड़

दूसरा पसंद आया तो इस्तेमाल किया 


चल आज उसी ऊपर वाले तो मेरी आह से निकलती है

दुआ आज किसी की बहन बेटी के साथ जैसे करेगा 

भूल मत तू भी लावारिस नहीं

तेरे मां बाबा का मुंह तेरी वजह से भी काला होगा


जिल्लत जैसे एक औरत बर्दाश्त करती हैं

तेरी भी क़िस्मत तेरे ही हाथो किए कर्मो का हिसाब होगा

भूल मत इंसान मैं हूं दर्द मुझे भी होता है

इज़्ज़त को रखती आई आज नीलामी तेरी इज़्ज़त की भी होगी


मर्द है तो क्या इस्तेमाल औरत नहीं मर्द जात भी होगी

अब भी आंखे नही खुली तो आवाज़ ज़मीर की भी होगी

बंद करो दरिंदगी तुम्हारी मर्द मर्द है तो

औरत की कोख से ही तो जन्मे होगे

हर्षिता लिखती है बेबाक सच हो होगा

शर्मसार आज भी नही तो कब होगा।


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