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Harshita Dawar

Inspirational Children

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Harshita Dawar

Inspirational Children

पांच सिलवटें

पांच सिलवटें

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पापा की माथे की पांच सिलवटें देखी है 

उस दिन नज़दीक आकर गिनती की हैं


पापा की चुप्पी में छिपी खामोशी सुनी हैं

आंखे मूंदे भी कभी नम देखी है 


आपकी बात में ख़्याल हमेशा देखा है

चाहे दो कदम ही जाऊ ,बेटा ध्यान रखना

 हर बार यहीं ज़वाब मेरा है हां जी पापा होता है


ये पेशानी पर हर लकीर की खींची दास्तां सुनानी है

ख़ामोशी पढ़ना आता है पापा यहीं बात आपको बतानी है


पहली लकीर क्या कर पाया मैं यहीं बताती है

दूसरी क्या कमाया जो जोड़ा वो गंवाया ये बताती है

तीसरी हम ३ बेटियों की परेशानी बताती है

चौथी ज़िन्दगी में परिवार की ख़ुशी चाहती है

पांचवी खुदा के आगे हर बार सर झुकाए खुद के साथ जुड़े रिश्तों में मन मुटाव बताती है


किस्मत में क्या है ये बदल नहीं पाएं पापा

पर हर बार विदा किया वो आसीसो का अंबार

आसुयो का सैलाब देखा है पापा

कहते है मजबूत होते हैं पापा


पापा पर आपको बेटियों की परेशानी घर की इज़्ज़त

रखते हुए टूटते भी देखा हैं पापा

आसू आने तक ख़ुद को रोकते हुए भी देखा है पापा

हाथ तक जोड़ते देखा है पापा

प्यार का हाथ फेरते देखा है पापा


सिगरेट शराब से कोसो दूर है पापा

दिखावा जैसे आता ही नहीं ये है मेरे पापा


घर के सबसे बड़े होकर खुद को लुटा कर क्या किया है पाप

इज़्ज़त करना तो आया पर इज्ज़त करवाना ये क्यू नही आया पापा


हालातो से लड़ते हर बार मां का साथ निभाया है पापा

मां साथ थी तभी आज भी मजबूत है पापा


माला जो फेरी आपने हर बार शायद कहते हैं

पिछले जन्म के कर्जे होते तभी बेटियों के रूप में कन्यादान कर चुकाते है

जन्म के कर्ज़दार है या खुशनसीबी के हकदार जब सीना चौड़ा कर अपनी बेटियों के बारे में बताते है

जो उस चमक को भी महसूस किया है

बेटियां गुरूर है ना पापा ये हर मां भी बताती है

मां पापा की दुनियां बस हम तीन बहनों में सीमित हैं

बड़े से संसार का छोटा सा संसार बनाती है 


ध्यान रखना इन शब्दों का हर क्षणों में महत्व हैं पापा

आज आपके अमूल्य योगदान का गुरूर है पापा

पापा की कमी का एहसास मेरी बेटी से पूछो पापा

हर रिश्ते की कमी का जवाब नहीं है पापा

पर ज़िन्दगी ने क्या क्या दिखाया बस यहीं ज़िंदगी है पापा

आपने स्वर्ग सजाया विदाई की पर हम बेटियों की किस्मत से लड़ नही सकते पापा

अपने से ज्यादा किया पर सवाल उठाएं लोगो का मुंह बंद नहीं करवाया पापा

कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहना ज़िन्दगी की लड़ाई खुद लड़नी है बस यही सीख सिखाई पापा

अब और नही लिख पायुगी आंसू नही रुक रहे पापा

बस आप दोनो की मौजूदगी ही सबसे बड़ी जायदाद है मां पापा 

आप जैसा कोई नहीं हर बच्चे के लिए अनमोल खज़ाना है मां पापा।


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