इज़्ज़त का खिताब
इज़्ज़त का खिताब
मां के हर रूप को करते हैं प्रणाम
तो कुमारी से औरत के शरीर पर लगाते क्यों हो लगाम
नौ दिन देवी के लेते हैं आशीर्वाद
बदले में औरत का ही करते हैं क्यों शिकार
नहीं चाहिए नौ दिन का झोली में भीख जैसे इज़्ज़त का प्रसाद
चाहिए हर औरत को उसके हक़ कमाया हुए उसकी इज़्ज़त का खिताब।