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मिली साहा

Abstract Inspirational

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मिली साहा

Abstract Inspirational

गौरक्षा

गौरक्षा

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माता का दर्जा मिला गाय को वो गौमाता कहलाती है,

कितने उपकार करती हम पर बदले में कुछ न लेती है,

युगों-युगों से वेद पुराण सब गाय की महिमा सुनाते हैं,

अपना अमृत सा दूध देकर गाय हम सबको सींचती है,


गाय अमूल्य रत्न है हमारा देश और धर्म की जान है,

गौमाता का सम्मान करना तो संस्कृति का सम्मान है,

मानव का रोम-रोम ऋणी है गौ माता का कर्जदार है,

गौ माता की रक्षा करना हमारी संस्कृति है संस्कार है,


गाय में तैंतीस करोड़ देवी -देवताओं का वास होता है,

चलता -फिरता मंदिर है गौमाता हमारा धर्म कहता है,

कृष्ण को प्रेम है गैया से राधा की है वो प्यारी सखियां,

कष्ट तनिक भी होता जो भर आती दोनों की अखियां,


मंगला सुनंदा जैसे सुंदर नामों से राधा उनको बुलाती,

मुरलीधर की बांसुरी की धुन सुन गौ माता झूम जाती,

गौ माता की सेवा करो तो हर जगह मुरली धाम होगा,

राधा के समान प्यार दो तो जीवन हमारा उद्धार होगा,


गौ हत्या में क्या जीत है क्यों ऐसा कुकर्म वो करते हैं,

आखिर क्यों नहीं गाय की महिमा हम समझ पाते हैं,

दूध दही घी मिठाईयां ये सब तो गौ माता की ही देन है,

इतना करती हम पर उपकार अमूल्य उनका जीवन है,


प्लास्टिक का इस्तेमाल कर हम इधर उधर फेक देते हैं,

जो गाय और अन्य पशुओं के लिए बड़े घातक होते हैं,

प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाकर बहिष्कार करें,

उठाकर आज ये क़दम गौमाता के जीवन की रक्षा करें।


पूजनीय है इनका स्थान जीविका का यह साधन भी है,

माता का दर्जा मिला गाय को फिर क्यों कष्ट झेलती है,

गौमाता के गोबर से धरती की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है,

मर के भी करती उपकार अपनी चमड़ी तक दे जाती है,


इतना कुछ देती हमें संपूर्ण जीवन न्योछावर कर देती है,

पर बहस करती रहती सरकार सुरक्षा नहीं कर पाती है,

राजनीतिक मुद्दा बनाकर गौमाता का इस्तेमाल ना करो,

गाय माता हमारी संस्कृति है गौसुरक्षा का इंतजाम करो,


गौमाता की सुरक्षा के लिए कदम हमें उठाना ही होगा,

गौरक्षा हमारा कर्तव्य है हमें यह कर्तव्य निभाना होगा,

आवाज़ उठाएंगे मिलकर तभी तो ये अत्याचार रुकेगा,

सुरक्षित हो पाएंगी गाय माता और उन्हें इंसाफ मिलेगा।


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