सच्चा गुरु (Topic-2)
सच्चा गुरु (Topic-2)
जीवन में गुरु का होना उजड़ी बगिया में
एक खिले हुए पुष्प के होने के आभास सा होता है,
चाहे हो कोई बीमारी या कोरोना जैसी वैश्विक महामारी,
ऐसी विषम परिस्थितियों में भी हमारे भविष्य को
सुन्दर बनाना यही गुरु का प्रयास होता है,
इसीलिए तो गुरु समस्त देवताओं के समान होता है,
संकट जैसी उफनती नदी में जो नौका में
ज्ञान का चप्पू प्रयोग करना सिखाये,
और सही तट ले जाए ऐसा गुरु ब्रह्मा से भी महान होता है।
कपट, तृष्णा, पाप, महामारी से भरे हुए
इस कलयुग में विश्वास का बहुत नुकसान होता है,
कैसे विश्वास हो की इस युग में भी शिक्षक में भगवान होता है?
बहुत सरल नहीं है ये जीवन की क्षणिक यात्रा,
पर जो संसार के समस्त छल एवं प्रलय के बीच में भी
न्याय के पथ पर चलना सिखाये,
बस वही है सच्चा गुरु जो सबसे महान होता है।
ये वो समय है जब कुछ समझ ना आये
जीवन भी उजड़ा हुआ नज़र आये,
उस वक़्त बिना साधन निःस्वार्थ भाव के
ऑनलाइन पढ़ा कर हमें मार्ग दिखाए,
संसार के समस्त ऐसे गुरुओं को
मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार,
जो खुद की समस्याओं को दरकिनार कर दे
पर बच्चों के भविष्य को नज़रअंदाज़ नहीं करता,
और ऐसा गुरु प्राप्त करना ही
ईश्वर प्रदत्त आशीर्वाद के समान होता है,
पिछले वर्ष ही सही पर समझ आ ही गया की
भाग्यशाली हूँ की मुझे ऐसे ही गुरु की छाया में
कुछ नया सीखने का अवसर प्रत्येक दिन प्राप्त होता है |